ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
राम है कि रहीम साँई
रहीम है कि श्याम
विनती मेरी सुनलो सारे
भजलो साँई नाम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
श्रद्धा की बाती बटी मैनें
मन का दीप जलाया है
प्रेम रस से भरा है इसको
तेरा ध्यान लगाया है
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
कोई अपना न कोई पराया
मेरे मन मैं साँई तू है समाया
इस जग का है तू ही रखवाला
सबकी नैया का खेवनहारा
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
मेरे साँई के है खेल निराले
गिरे हुओं को वो ही संभाले
मेरे साँई की महिमा है न्यारी
बंजर जमींन पर खिली फुलवारी
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
करूणा का सागर हैं मेरे साँईं
उनसा न कोई महान
उनके दर पर एक हैं सारे
अमीर -गरीब के भेद मिट जाते
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम
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जवाब देंहटाएंसुन्दर,
सम्मानित कवयित्री राधा जी "
thnx.....Dev
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