बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

-------------ऊँ साँई -------------


ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
राम है कि रहीम साँई 
रहीम है कि श्याम​
विनती मेरी सुनलो सारे
भजलो साँई नाम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
श्रद्धा की बाती बटी मैनें
मन का दीप जलाया है
प्रेम रस से भरा है इसको
तेरा ध्यान लगाया है
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
कोई अपना न कोई पराया
 मेरे मन  मैं साँई तू है समाया 
इस जग का है तू ही रखवाला
सबकी नैया का खेवनहारा
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
मेरे साँई के है खेल निराले
गिरे हुओं को वो ही संभाले
मेरे साँई की महिमा है न्यारी
बंजर जमींन पर खिली फुलवारी
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
करूणा का सागर हैं मेरे साँईं
उनसा न कोई महान​
उनके दर पर एक हैं सारे
अमीर -गरीब के भेद मिट जाते
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​
ओम साँई श्री साँई ओम साँई राम​

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